नर्मदा तीरे एक दिन : ओंकारेश्वर


अमृत लाल वेगड़ की नर्मदा परिक्रमा यात्रा 'सौंदर्य की नदी नर्मदा' पढ़ने के बाद मन में नर्मदा की छवि बस गई थी। इस दीपावली दो दिन की छुट्‌टी मिली तो तमाम तरह की मुश्किलों और झिझक को तोड़ते हुए बस सवार हो लिए ओंकारेश्वर जाने वाली बस पर। चट्‌टानी कगारों के बीच से रास्ता बनाती शांत बहती नर्मदा ठहरी सी जान पड़ती है। बारिश का मौसम होने से थोड़ी ज्यादा अलसाई सी दिख रही थी। किनारों पर खड़ी लाल-पीली पन्नियां ओढ़े खड़ी नावें और उनके मोटर की फटफट की ही आवाज थी। जैसे वह नर्मदा की नींद में खलल डाल रही हों। श्रद्धालु कम थे। आस्था के नाम पर बेधड़क अपनी नर्मदा मैय्या की कोख में पॉलिथीन फेंक रहे थे। जो व्यस्थित करने वाला था। हिमालय जब नहीं था तब से मध्य भारत को सींचने वाली इस नदी को बाधों की श्रृंखला से बांध दिया गया है। इसके बावजूद इस नदी में एक खूबसूरती है, जो शायद गंगा में भी नहीं है। 
नर्मदा की धारा से घेर लिए जाने के कारण बने मांधाता द्वीप पर शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर है। लेकिन इस मंदिर में तो स्थापत्य कला शून्य है। लेकिन इसके ऊपर एक लंबी तीखी खड़ी चढ़ाई के बाद जो मिला उसने जरूर मन को मोह लिया। एक तो सिद्धनाथ मंदिर है और दूसरा एक 'अनाम' मंदिर का खंडहर। शायद यह भी शिवाला ही रहा होगा। पूरे डेढ़ घंटे इसी को देखने में खर्च किए। सिद्धनाथ मंदिर भी बेहद खूबसूरत है लेकिन हमें इससे कम लगा। हां... वह अच्छी स्थिति में है काफी हद तक। मंदिर के गर्भगृह पर छत बची हुई है। इसकी बाहरी दीवारों को हाथियों की प्रतिमा से सजाया गया है। आगे मेरी तस्वीरें....


बारिश भरे दिन में अलसाई सी नर्मदा



शिव-शिव


....मत क्लिक करो यार


नर्मदा मैया से मनौती




गली का छोर ... ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर


13वीं-14वीं शताब्दी के 'अनाम' मंदिर का भग्नावशेष- 1





भग्नावशेष-2 पर एक विक्षत शिल्प'जय हो’, खोलो अजिर-द्वारमेरे अतीत ओ अभिमानी!बाहर खड़ी लिये नीराजनकब से भावों की रानी! - रामधारी सिंह दिनकर



भग्नावशेष- 3



भग्नावशेष- 4

तुम चले जाओगे
पर थोड़ा-सा यहाँ भी रह जाओगे
जैसे रह जाती है
पहली बारिश के बाद
हवा में धरती की सोंधी-सी गंध
भोर के उजास में
थोड़ा-सा चंद्रमा
खंडहर हो रहे मंदिर में
अनसुनी प्राचीन नूपुरों की झंकार।




भग़्नावशेष- 5



भग्नावशेष- 6



भग्नावशेष-7



भग्नावशेष- 8


भग्नावशेष- 9


भग्नावशेष-10



भग्नावशेष-11




भग्नावशेष-12



सिद्धनाथ शिव मंदिर



सिद्धनाथ शिव मंदिर पर नक्काशी-1



सिद्धनाथ मंदिर पर नक्काशी- 2




सिद्धनाथ मंदिर- सामने से




सिद्धनाथ मंदिर परिसर में बंदरिया बच्चे के साथ-




पति-पत्नी और बच्चा




और आखिर में नर्मदा को निहारते हुए संक्षिप्त यात्रा का समापन- दाईं ओर ओंकारेश्वर मंदिर का शिखर 

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