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Showing posts from 2018

ऊंघता-अनमना सा एक जंगल...

कबूतर प्रेम कविताएं नहीं लिखते...

मन मयूर हो गया ..

साबरमती आश्रम

सागर किनारे...

नेचर पार्क में नेचर के साथ कुछ घंटे